
ब्यूरो रिपोर्ट
लेफ्टिनेंट जनरल वीरेंद्र वत्स ने 1 अक्टूबर को राष्ट्रीय कैडेट कोर के महानिदेशक (डीजी) का पदभार ग्रहण कर लिया है। पूरी जानकारी के लिए पढ़िए वाॅइस ऑफ़ न्यूज 24 की खास रिपोर्ट
लेफ्टिनेंट जनरल वीरेंद्र वत्स ने 1 अक्टूबर को राष्ट्रीय कैडेट कोर के महानिदेशक (डीजी) का पदभार ग्रहण कर लिया है। उन्होंने लेफ्टिनेंट जनरल गुरबीरपाल सिंह का स्थान लिया है।
लेफ्टिनेंट जनरल वत्स ने ऐसे महत्वपूर्ण समय में एनसीसी का दायित्व संभाला है जब यह दुनिया का सबसे बड़ा वर्दीधारी युवा संगठन 28 राज्यों और 8 केंद्र शासित प्रदेशों में अपने कैडेट बल को बढ़ाकर 20 लाख तक विस्तारित कर रहा है।
37 वर्षों का विशिष्ट सैन्य अनुभव
लेफ्टिनेंट जनरल वत्स को 17 दिसंबर 1988 को भारतीय सेना की 19 कुमाऊं रेजीमेंट में कमीशन मिला था। रक्षा मंत्रालय के अनुसार, अपनी 37 वर्षों की विशिष्ट सैन्य सेवा के दौरान उन्होंने आतंकवाद-रोधी और उग्रवाद-रोधी अभियानों में महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाई हैं। वह जम्मू-कश्मीर और अरुणाचल प्रदेश सहित विभिन्न क्षेत्रों में तैनात रहे हैं। उन्होंने सेना मुख्यालय में कई अहम पदों पर भी कार्य किया है।
उनके अंतरराष्ट्रीय अनुभव में लोकतांत्रिक गणराज्य कांगो में संयुक्त राष्ट्र मिशन के तहत एक इन्फेंट्री सेना ब्रिगेड की कमान संभालना शामिल है। इस नियुक्ति से पहले वह डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज, वेलिंगटन के कमांडेंट थे।
एनसीसी का नया विजन: ‘विकसित भारत 2047’
लेफ्टिनेंट जनरल वत्स, जो राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA), भारतीय सैन्य अकादमी (IMA) और राष्ट्रीय रक्षा कॉलेज (NDC) के पूर्व छात्र रहे हैं, से अपेक्षा है कि वे एनसीसी को नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ाएंगे।
रक्षा मंत्रालय ने बताया कि एनसीसी का मूलमंत्र ‘एकता और अनुशासन’ है। संगठन अब इस मूलमंत्र के साथ ‘विकसित भारत 2047’ की दिशा में कदम बढ़ा रहा है। इसका लक्ष्य चरित्र निर्माण और देशभक्ति की परंपरा को नवाचार, डिजिटल कौशल और वैश्विक जागरूकता के साथ जोड़ना है, ताकि देश के युवाओं को अनुशासित, जिम्मेदार और भविष्य-उन्मुख नागरिक बनाया जा सके।
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— Voice of News 24 (@VOfnews24) September 30, 2025


