मौसम अलर्ट: देश में ट्रिपल अटैक! ‘मोंथा’ चक्रवात, अरब सागर का दबाव और पश्चिमी विक्षोभ, 5 दिनों तक बारिश-तेज हवाओं का खतरा

ब्यूरो रिपोर्ट

देश का मौसम अचानक करवट ले चुका है। बंगाल की खाड़ी में उठे ‘मोंथा’ चक्रवात।पूरी जानकारी के लिए पढ़िए वाॅइस ऑफ़ न्यूज 24 की खास रिपोर्ट 

देश का मौसम अचानक करवट ले चुका है। बंगाल की खाड़ी में उठे ‘मोंथा’ चक्रवात, अरब सागर पर बन रहे गहरे दबाव और उत्तर भारत में सक्रिय होने जा रहे पश्चिमी विक्षोभ के ‘ट्रिपल अटैक’ ने देश के एक बड़े हिस्से को अगले चार से पाँच दिनों तक बारिश और तेज हवाओं की चपेट में ला दिया है।

‘मोंथा’ ने लिया गंभीर रूप: 110 किमी/घंटा की रफ्तार से टकराने की आशंका

मौसम विभाग  के अनुसार, बंगाल की खाड़ी में बना निम्न दबाव का यह सिस्टम सोमवार शाम तक एक गंभीर चक्रवाती तूफान ‘मोंथा’ का रूप ले चुका है, जिसकी रफ्तार 88 किलोमीटर प्रतिघंटा तक पहुँच गई है। मंगलवार तक इसके और तीव्र होकर 110 किलोमीटर प्रतिघंटा की तूफानी रफ्तार से तट से टकराने की आशंका है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस गंभीर स्थिति पर आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू से फोन पर चर्चा की है और केंद्र की ओर से हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया है।

आंध्र प्रदेश पर सीधा खतरा: लैंडफॉल शुरू

चक्रवात ‘मोंथा’ का लैंडफॉल आंध्र प्रदेश के काकीनाडा के पास शुरू हो चुका है। तटीय जिलों जैसे राजामुंद्री, विशाखापत्तनम और मछलीपट्टनम में अभी से तेज बारिश और तूफानी हवाओं का असर दिखना शुरू हो गया है। राज्य प्रशासन ने सभी जिलों में सतर्कता बढ़ा दी है, और एनडीआरएफ (NDRF) की टीमें राहत एवं बचाव कार्य के लिए तैनात कर दी गई हैं।

उत्तर और मध्य भारत में भी बदलेगा मौसम

चक्रवात के असर से पूर्वी तटवर्ती राज्यों आंध्र प्रदेश, ओडिशा और तमिलनाडु में भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। इसके उत्तर की ओर बढ़ने से मध्य और उत्तर भारत के मौसम पर भी व्यापक असर पड़ेगा।

मौसम विभाग ने 29 से 31 अक्टूबर के बीच छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, झारखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार और दिल्ली-एनसीआर तक में गरज-चमक के साथ बारिश का पूर्वानुमान जताया है।

कृषि पर दोहरी मार

मौसम में आए इस बदलाव का गंभीर असर कृषि पर भी देखने को मिलेगा:

  1. खरीफ फसलें: दक्षिण और मध्य भारत में खरीफ (धान, मक्का आदि) की कटाई पर बुरा प्रभाव पड़ेगा।
  2. रबी फसलें: उत्तर भारत में रबी (गेहूँ आदि) फसलों की बुआई में भी विलंब होने की आशंका है।

अरब सागर और हिमालय भी सक्रिय

विशेषज्ञों के अनुसार, यह इस मौसम का पहला चक्रवाती तूफान है, जिसका असर एक साथ तीन जगहों पर देखा जा रहा है:

  1. अरब सागर: यहाँ भी निम्न दबाव का क्षेत्र अगले 48 घंटों में पूर्व-मध्य अरब सागर की ओर बढ़ते हुए मजबूत हो रहा है।
  2. पश्चिमी विक्षोभ: इसकी सक्रियता से हिमालयी राज्यों—हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के ऊँचाई वाले इलाकों में बारिश और बर्फबारी की संभावना है।

मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि इन तीनों सिस्टम के एक साथ सक्रिय होने से देश भर में मौसम का स्वरूप पूरी तरह बदल जाएगा और ठंड के आगमन की प्रक्रिया भी अप्रत्याशित रूप से तेज हो सकती है।

 

Voice Of News 24

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *