
महराजगंज

विशेष: किन्नर समाज ने 36 साल पुरानी परंपरा निभाकर दिया समानता का संदेश।पूरी जानकारी के लिए पढ़िए वाॅइस ऑफ़ न्यूज 24 की खास रिपोर्ट

महराजगंज जनपद के भारतीय सीमावर्ती क्षेत्र ठूठीबारी में लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा आज सोमवार की शाम श्रद्धा और भक्ति से सराबोर हो उठी। ठूठीबारी क्षेत्र के चंदन नदी घाट पर अस्ताचलगामी (डूबते हुए) सूर्य को अर्घ्य देने के लिए हजारों की संख्या में व्रती महिलाओं का सैलाब उमड़ पड़ा।
पारंपरिक वेशभूषा में सजी-धजी व्रती महिलाओं ने जल में खड़े होकर भगवान सूर्य देव को अर्घ्य दिया और अपनी संतान की दीर्घायु, सुख-समृद्धि और परिवार के कल्याण का वरदान मांगा। छठ मइया के गीतों और भक्तिमय मंत्रोच्चारण से पूरा वातावरण गूंज उठा। फल, प्रसाद और ठेकुआ से सजे सूपों की कतार और दीपों की जगमगाहट ने घाट पर मेले जैसा दृश्य बना दिया।
किन्नर समाज ने निभाई 36 साल पुरानी परंपरा
इस महापर्व का एक विशेष और हृदयस्पर्शी दृश्य भी देखने को मिला। ठूठीबारी के सड़कहवा निवासी किन्नर समाज ने भी छठ व्रत रखकर लोक परंपरा को आगे बढ़ाया। किन्नर गुरु पूनम किन्नर ने बताया कि यह परंपरा उनके समाज में पिछले 36 वर्षों से चली आ रही है, जिसे उनके गुरु चंपा किन्नर भी नियमित रूप से निभाती थीं। पूनम किन्नर के साथ सपना, सानिया, संध्या, चांदनी और सरिता किन्नर सहित कई सदस्यों ने बकायदा व्रत रखा।
किन्नर समाज द्वारा सामूहिक रूप से छठ पर्व मनाने की इस परंपरा ने स्थानीय लोगों को भावविभोर कर दिया और डूबते सूर्य को अर्घ्य देकर समाज में समानता और भक्ति का अद्भुत संदेश दिया।
सुरक्षा व्यवस्था और निगरानी
घाट पर उमड़ी भारी भीड़ को देखते हुए पूरे छठ घाट की निगरानी ड्रोन कैमरे से की जा रही थी। सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुलिस प्रशासन भी पूरी तरह से सतर्क रहा। ग्राम पंचायत की ओर से घाटों पर साफ-सफाई और प्रकाश की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित की गई थी। सूर्यास्त के साथ ही श्रद्धा, समर्पण और लोक परंपरा का यह संगम लोगों की अटूट आस्था का प्रतीक बन गया।
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— Voice of News 24 (@VOfnews24) October 27, 2025







