सिद्धार्थनगर: किसान मेला और पराली जागरूकता गोष्ठी का आयोजन, सांसद पाल ने बताया- काला नमक चावल बनी जिले की पहचान

सिद्धार्थनगर

सिद्धार्थनगर के लोहिया कला भवन में जनपद स्तरीय किसान मेला और फसल अवशेष प्रबंधन जागरूकता गोष्ठी का शुक्रवार को सफल आयोजन किया गया।पूरी जानकारी के लिए पढ़िए वाॅइस ऑफ़ न्यूज 24 की खास रिपोर्ट

सिद्धार्थनगर के लोहिया कला भवन में जनपद स्तरीय किसान मेला और फसल अवशेष प्रबंधन जागरूकता गोष्ठी का शुक्रवार को सफल आयोजन किया गया। इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में सांसद जगदम्बिका पाल, विधायक श्यामधनी राही, जिलाधिकारी डॉ. राजा गणपति आर. और मुख्य विकास अधिकारी बलराम सिंह ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।

किसानों को किया गया जागरूक

दीप प्रज्वलन के साथ कार्यक्रम की शुरुआत हुई, जहां अतिथियों का स्वागत पुष्पगुच्छ और अंगवस्त्र भेंट कर किया गया।

सांसद जगदम्बिका पाल ने किसानों को किया संबोधित सांसद जगदम्बिका पाल ने अपने संबोधन में कहा कि स्वयं सहायता समूह की महिलाएं अब कृषि क्षेत्र में भी सक्रिय भागीदारी निभा रही हैं। उन्होंने गर्व के साथ कहा कि काला नमक चावल अब जिले की पहचान बन चुका है, जिससे किसानों की आय में लगातार वृद्धि हो रही है।

पराली जलाने पर जताई चिंता सांसद ने किसानों से पराली न जलाने की अपील की और इसके दुष्प्रभावों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि पराली जलाने से मिट्टी की उर्वरता घटती है और पर्यावरण को नुकसान होता है। उन्होंने किसानों को सलाह दी कि वे डीकम्पोजर का उपयोग कर इसे जैविक खाद के रूप में इस्तेमाल करें। उन्होंने यह भी बताया कि एनटीपीसी पराली से बिजली बनाने की दिशा में काम कर रहा है, जिससे किसानों को आर्थिक लाभ मिलेगा। पाल ने यह भी जानकारी दी कि कृषि यंत्रों पर मिलने वाला अनुदान अब सीधे डीबीटी के माध्यम से किसानों के खातों में जा रहा है।

विधायक और जिलाधिकारी ने भी किया आग्रह विधायक श्यामधनी राही ने कहा कि प्रधानमंत्री का लक्ष्य किसानों की आय दोगुनी करना है, जिसके तहत किसान सम्मान निधि और कृषि यंत्रों पर अनुदान जैसी योजनाएं लागू की गई हैं। उन्होंने किसानों से वैज्ञानिक पद्धति से खेती करने और पराली न जलाने का आग्रह किया।

जिलाधिकारी डॉ. राजा गणपति आर. ने किसानों से अनुरोध किया कि वे पराली न जलाएं और इसे गोशालाओं को दान करें या खाद बनाने में उपयोग करें। उन्होंने बताया कि खंड विकास अधिकारियों के माध्यम से पराली एकत्र कर उसका सदुपयोग किया जाएगा।

काला नमक और मखाना पर विशेष ध्यान डीएम ने बताया कि काला नमक चावल को ‘एक जनपद, एक उत्पाद’ (ODOP) योजना में शामिल किया गया है। उन्होंने यह भी घोषणा की कि नवंबर में जिले में वायर-सेलर मीट का आयोजन होगा, जिसमें देशभर के वैज्ञानिक और क्रेता शामिल होंगे। इसके अलावा, किसानों को मखाना की खेती का प्रशिक्षण दिलाने के लिए उन्हें बिहार भेजा जा रहा है।

 

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