मंदिर तोड़ने का विवाद और सांसद जगदंबिका पाल का विरोध, पड़ गया भारी? डीएम राजा गणपति आर के तबादले पर गर्माया चर्चाओं का बाजार

सिद्धार्थनगर

आज मंगलवार को उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा चलाई गई तबादला एक्सप्रेस में जिलाधिकारी सिद्धार्थनगर,राजा गणपति आर का टिकट कट गया।पूरी जानकारी के लिए पढ़िए वाॅइस ऑफ़ न्यूज 24 की खास रिपोर्ट 

आज मंगलवार को उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा चलाई गई तबादला एक्सप्रेस में जिलाधिकारी सिद्धार्थनगर,राजा गणपति आर का टिकट कट गया, जिन्हें सीतापुर की जिलाधिकारी पद की ही नई जिम्मेदारी सौंपी गई है। चित्रकूट के जिलाधिकारी रहें, शिवशरणगप्पा जीएन को सिद्धार्थनगर जिले की नई जिम्मेदारी सौंपी गई है।

सिद्धार्थनगर डीएम का ट्रांसफर, मंदिर विवाद का जरिया, कयास पकड़ा तूल

आपको बता दें कि, 23 सितंबर की रात, नवरात्र के तीसरे दिन, विकास भवन गेट के पास स्थित एक पुराने दुर्गा मंदिर को जिलाधिकारी डॉ. राजा गणपति आर के आदेश पर जेसीबी से जमींदोज करवा दिया गया था।मंदिर तोड़े जाने के बाद उसका मलबा पास के जमुआर नाले में फेंकवा दिया गया।

अगले दिन, 24 सितंबर की सुबह, जब श्रद्धालु पूजा के लिए मंदिर पहुंचे, तो वहां मलबे का ढेर देखकर रोने-बिलखने लगे, और माहौल भावनात्मक होते-होते उग्र रूप ले लिया।

घटना की जानकारी मिलते ही डुमरियागंज के सांसद जगदंबिका पाल मौके पर पहुंचे। उन्होंने जिलाधिकारी से बातचीत की, जिस पर डॉ. राजा गणपति आर ने कहा कि वहां कोई मंदिर नहीं था, बल्कि दीवार पर केवल एक पेंटिंग थी। उनका कहना था कि लोग वहां गंदगी फैलाते थे। इसलिए सफाई के दृष्टिकोण से उसे हटवाया गया।

स्थानीय श्रद्धालुओं ने जिलाधिकारी की इस दलील पर असहमति जताई और सांसद जगदंबिका पाल के साथ विरोध प्रदर्शन पर उतर आएं।

अंतत: 29 सितंबर को प्रशासन और श्रद्धालुओं के सहयोग से उसी स्थान पर दुर्गा मंदिर का पुनः निर्माण तो करा दिया गया, लेकिन आज जिलाधिकारी राजा गणपति आर के सीतापुर ट्रांसफर पर इस विवाद की गुत्थी पुनः खुल गई है और चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है।

डीएम राजा गणपति आर के ट्रांसफर का कारण, मंदिर का विवाद हो या फिर शासन की मनसा, जिलाधिकारी के खिलाफ मैदान में उतरे प्रदर्शनकारियों और सांसद जी के कलेजे को ठंडक तो जरूर मिली होगी

 

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