
स्पोर्ट्स डेस्क
भारतीय फुटबाल के सितारे सुनील छेत्री ने 40 साल की उम्र में संन्यास से वापसी करने का फैसला किया है,पूरी जानकारी के लिए पढ़िए वाॅइस ऑफ़ न्यूज 24 की खास रिपोर्ट
भारतीय फुटबाल के सितारे सुनील छेत्री ने 40 साल की उम्र में संन्यास से वापसी करने का फैसला किया है, जिसे अखिल भारतीय फुटबाल महासंघ (एआईएफएफ) ने एक बुद्धिमत्ता पूर्ण कदम बताया है। हालांकि, इस फैसले से भारतीय फुटबाल की वर्तमान स्थिति की गहरी चिंता भी सामने आती है, क्योंकि एक अरब 40 करोड़ की जनसंख्या वाले देश में अब भी एक उत्कृष्ट स्ट्राइकर तैयार नहीं हो पाया है।
सुनील छेत्री, जो भारतीय फुटबाल के सबसे बड़े सितारों में से एक हैं, ने लगभग दो दशकों तक राष्ट्रीय टीम के लिए अपनी सेवाएं दी। उनके नाम भारत की तरफ से किए गए सर्वाधिक 94 गोल हैं, और वह अंतरराष्ट्रीय फुटबाल से अलविदा ले चुके थे। लेकिन अब, 40 साल की उम्र में, उन्होंने संन्यास से वापसी करने का फैसला किया, जो भारतीय फुटबाल के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण है।
आईएसएल (इंडियन सुपर लीग) के 23 मैचों में 12 गोल करने वाले छेत्री ने यह साबित किया है कि उम्र के इस पड़ाव पर भी उनका खेल उतना ही प्रभावशाली है। हालांकि, राष्ट्रीय कोच मनोलो मार्केज ने उन्हें राष्ट्रीय टीम में शामिल होने के लिए कहा है, और फुटबाल दिग्गज आईएम विजयन भी छेत्री के इस फैसले के सकारात्मक पक्ष को देख रहे हैं।
हालांकि, छेत्री के संन्यास से वापसी के फैसले से यह सवाल भी उठता है कि भारतीय फुटबाल में इतने वर्षों बाद भी एक बेहतर स्ट्राइकर क्यों नहीं उभर पाया, जबकि देश में फुटबाल को लेकर उत्साह और संभावनाएं कम नहीं हैं। यह भारतीय फुटबाल की खराब स्थिति को दर्शाता है, जिसमें एक सशक्त और दीर्घकालिक समाधान की आवश्यकता है।


