करवा चौथ का त्योहार आज, जाने कब निकलेगा चांद, प्रारंभ से संपन्न करने तक का पूरा विधि-विधान

ब्यूरो रिपोर्ट

करवा चौथ व्रत रखने का शुभ अवसर आज। इस दौरान होने वाले पूरे विधि-विधान की जानकारी के लिए पढ़िए वाॅयस ऑफ़ न्यूज 24 की खास रिपोर्ट।

करवा चौथ त्योहार

करवा चौथ सनातन धर्म का एक प्रमुख त्योहार है जो शास्त्रों के अनुसार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चन्द्रोदय व्यापिनी चतुर्थी को मनाया जाता है। इस पर्व पर सुहागिन स्त्रियाँ पति की दीर्घायु, स्वास्थ्य एवं सौभाग्य की प्राप्ति के लिए निराहार रहकर चन्द्रोदय की प्रतीक्षा करती हैं और शाम को चंद्रमा दर्शन के उपरांत भोजन करती हैं।
करवा चौथ के अवसर पर भगवान शिव-पार्वती, स्वामी कार्तिकेय, गणेश एवं चन्द्रमा का पूजन किया जाता है। पूजन करने के लिए बालू अथवा सफेद मिट्टी की वेदी बनाकर उपरोक्त वर्णित सभी देवों को स्थापित किया जाता है।

विस्तृत जानकारी

पूजा के दौरान आवश्यक सामाग्री

करवा चौथ व्रती महिलाओं द्वारा पूजा के लिए शुद्ध घी में आटे को सेंककर उसमें शक्कर अथवा खांड मिलाकर मोदक (लड्डू) नैवेद्य हेतु बनाए जाता हैं।
काली मिट्टी में शक्कर की चासनी मिलाकर उस मिट्टी से अथवा तांबे से बनाया गया करवा तैयार किया जाता है।
बालू अथवा सफेद मिट्टी की वेदी पर शिव-पार्वती, स्वामी कार्तिकेय, गणेश एवं चंद्रमा की स्थापना की जाती है। मूर्ति के अभाव में सुपारी पर नाड़ा बाँधकर देवता की भावना करके स्थापित किया जाता है। पश्चात यथाशक्ति देवों का पूजन किया जाता है।
पूजन के दौरान निम्न मंत्र बोले जाते है: ‘ॐ शिवायै नमः’, ‘ॐ नमः शिवाय’, ‘ॐ षण्मुखाय नमः’ (स्वामी कार्तिकेय के लिए), ‘ॐ गणेशाय नमः’, ‘ॐ सोमाय नमः’ (चंद्रमा के लिए)।

कब निकलेगा चांद

हिंदू पंचांग के अनुसार, करवा चौथ का व्रत कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को रखा जाता है. इस बार चतुर्थी तिथि की शुरुआत 9 अक्टूबर की रात 10 बजकर 54 मिनट पर शुरू हो चुकी है और तिथि का समापन 10 अक्टूबर को शाम 7 बजकर 38 मिनट पर होगा. इसके अलावा, करवा चौथ के दिन उपवास रखने का मुहूर्त सुबह 6 बजकर 19 मिनट से लेकर रात 8 बजकर 13 मिनट तक रहेगा इस मुहूर्त में व्रती महिलाएं माता करवा की पूजा, माता पार्वती की पूजा, भगवान गणेश की पूजा, कथा सुनना जैसे सभी कार्य किए जा सकते हैं.

करवा चौथ चंद्रोदय का समय (Karwa Chauth 2025 Moon RisingTiming)

करवाचौथ के दिन चंद्रोदय का समय शाम 8 बजकर 14 मिनट बताया जा रहा है. वहीं, दिल्ली-एनसीआर में चंद्रोदय रात 8 बजकर 13 मिनट पर हो सकता है.

पूजन समापन करने की विधि

पूजन करते समय करवा चौथ व्रत कथा पढ़ी अथवा सुनी जाती है। करवों में लड्डू का नैवेद्य रखकर एक लोटा व एक वस्त्र सहित दक्षिणा के रूप में पति की माता (यदि वे जीवित न हों तो उनके तुल्य किसी अन्य स्त्री) को अर्पित कर पूजन समापन किया जाता है। सायंकाल चंद्रमा के उदित हो जाने पर चंद्रमा का पूजन कर अर्घ्य प्रदान किया जाता है। इसके पश्चात ब्राह्मण, सुहागिन स्त्रियों व पति के माता-पिता को भोजन कराया जाता है। इसके पश्चात स्वयं व परिवार के अन्य सदस्य भोजन करते हैं।

 

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