
बांसी (सिद्धार्थनगर)

आस्था के महापर्व कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर बुधवार को सिद्धार्थनगर जनपद के बांसी में राप्ती नदी का तट श्रद्धालुओं के ‘हर-हर गंगे’ के जयकारों से गूंज उठा।पूरी जानकारी के लिए पढ़िए वाॅइस ऑफ़ न्यूज 24 की खास रिपोर्ट

आस्था के महापर्व कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर बुधवार को सिद्धार्थनगर जनपद के बांसी में राप्ती नदी का तट श्रद्धालुओं के ‘हर-हर गंगे’ के जयकारों से गूंज उठा। नगरवासियों और दूर-दराज से आए हजारों भक्तों ने सुबह 5 बजे से ही नदी में पवित्र स्नान कर पूजा-अर्चना की।
दान-दक्षिणा और अनुष्ठान
स्नान के उपरांत श्रद्धालुओं ने विधि-विधान से पूजा-पाठ किया। धार्मिक मान्यताओं का पालन करते हुए, कई भक्तों ने बछिया सहित अन्य वस्तुओं का दान-दक्षिणा देकर पुण्य अर्जित किया।
सुरक्षा और सुविधाओं के व्यापक इंतजाम
श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए नगरपालिका द्वारा घाट पर व्यापक व्यवस्थाएं की गई थीं। स्नान के बाद कपड़े बदलने और पूजा-पाठ करने के लिए उचित स्थल उपलब्ध कराए गए थे, और साफ-सफाई का भी विशेष ध्यान रखा गया।
सुरक्षा के दृष्टिकोण से स्थानीय कोतवाली पुलिस सुबह से ही हाई अलर्ट पर थी। किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए एनडीआरएफ की टीम भी नौका के साथ तैनात रही। तहसीलदार पीयूष श्रीवास्तव सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारी भी लगातार व्यवस्थाओं का जायजा लेते रहे।
कार्तिक पूर्णिमा का महत्व
हिंदू धर्मग्रंथों में कार्तिक पूर्णिमा का विशेष महत्व है, जिसे त्रिपुरी पूर्णिमा और गंगा स्नान के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने से असीम पुण्य की प्राप्ति होती है।
बांसी के अलावा आसपास के कई स्थानों पर भी कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर मेलों का भव्य आयोजन किया गया, जिसने पूरे क्षेत्र को श्रद्धा और उत्सव के रंगों में रंग दिया।
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— Voice of News 24 (@VOfnews24) November 5, 2025







