उत्पीड़न से तंग ट्रांसपोर्टर ने खाया जहर: होश में आने के बाद पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप

मेरठ

मेरठ जनपद के भावनपुर पुलिस के कथित उत्पीड़न से तंग आकर जहर खाने वाले ट्रांसपोर्टर पुष्पेंद्र नागर ने होश में आने के बाद मीडिया के सामने आपबीती सुनाई और पुलिस पर लगे आरोपों को दोहराया। पूरी जानकारी के लिए पढ़िए वाॅइस ऑफ़ न्यूज 24 की खास रिपोर्ट


मेरठ जनपद के भावनपुर पुलिस के कथित उत्पीड़न से तंग आकर जहर खाने वाले ट्रांसपोर्टर पुष्पेंद्र नागर ने होश में आने के बाद मीडिया के सामने आपबीती सुनाई और पुलिस पर लगे आरोपों को दोहराया। उन्होंने कहा कि पुलिस का ऐसा रूप उन्होंने पहली बार देखा।

घटना का विवरण: पुष्पेंद्र के अनुसार, वह टीपीनगर ऑफिस से लौट रहे थे, तभी मुबारिकपुर से 300 मीटर पहले बाइक सवार दो युवकों ने उन्हें रोका और एक्सीडेंट की बात कहते हुए झगड़ा शुरू कर दिया। उनके ताऊ का बेटा योगेश जब तक वहां पहुंचा, मौका पाकर एक आरोपी ने उनकी जेब से ₹20,300 निकाल लिए और फरार हो गया।

थाने में अपराधियों जैसा सलूक: पुष्पेंद्र का आरोप है कि थाने पहुंचने पर दरोगा ने उनके साथ अभद्रता की और घटना को झूठा साबित करने में लग गए। पुलिसकर्मी उन्हें और उनके ताऊ के बेटे हरीश को एसओजी के प्राइवेट कमरे में ले गए। उनसे अपराधियों की तरह पूछताछ की गई कि ₹20 हजार कहाँ से लाए थे, और दारू पीने का झूठा आरोप लगाया गया। एसओ योगेंद्र कुमार ने भी गाली देते हुए लूट की झूठी सूचना फैलाने का आरोप लगाया और दोनों भाइयों को मारपीट कर झूठ बोलने का दबाव बनाया।

झूठा मेडिकल बनाने का आरोप: पुष्पेंद्र ने बताया कि थाने में पिटाई के बाद पुलिसकर्मी उन्हें प्यारे लाल जिला अस्पताल ले गए, जहाँ बिना जांच कराए उनकी ‘अल्कोहलिक’ रिपोर्ट बनवा ली। रात भर उन्हें झूठी बात कबूल करने के लिए पीटा गया और जैसे-तैसे उन्हें छोड़ा गया।

उत्पीड़न से परेशान होकर खाया जहर: रात की घटना से आहत पुष्पेंद्र ने सुबह पशुओं को लगाने वाली पी7 दवा (गेहूं में लगने वाली) का सेवन कर लिया। होश खोने से पहले उन्होंने अपने अंकल राजेंद्र को फोन किया, जिन्होंने तुरंत मौके पर पहुंचकर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया। पुष्पेंद्र ने कहा कि पुलिस के इस उत्पीड़न से परेशान होकर ही उन्होंने यह कदम उठाया।

 

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