मानदेय न मिलने पर मऊ में आशा कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन: CM योगी को सौंपा 9 सूत्रीय ज्ञापन

मऊ

मऊ जनपद के पिछले चार महीनों से मानदेय भुगतान न होने और काम के बढ़ते बोझ के विरोध में शुक्रवार को उत्तर प्रदेश आशा वर्कर्स यूनियन की दर्जनों महिला कार्यकर्ताओं ने कलेक्ट्रेट परिसर में धरना प्रदर्शन किया। पूरी जानकारी के लिए पढ़िए वाॅइस ऑफ़ न्यूज 24 की खास रिपोर्ट

मऊ जनपद के पिछले चार महीनों से मानदेय भुगतान न होने और काम के बढ़ते बोझ के विरोध में शुक्रवार को उत्तर प्रदेश आशा वर्कर्स यूनियन की दर्जनों महिला कार्यकर्ताओं ने कलेक्ट्रेट परिसर में धरना प्रदर्शन किया। उन्होंने सिटी मजिस्ट्रेट के माध्यम से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को 9 सूत्रीय मांग पत्र सौंपा।

मुख्य मांगें और आरोप:

बकाया मानदेय: आशा कार्यकर्ता उषा यादव ने बताया कि उन्हें पिछले चार महीने से उनके किए गए काम का भुगतान नहीं मिला है, जबकि उन पर लगातार काम का बोझ बढ़ाया जा रहा है। त्योहार बीतने के बाद भी भुगतान नहीं हुआ है।

मानदेय में वृद्धि और कर्मचारी का दर्जा: संगठन के शिव मूरत गुप्ता ने बताया कि आशा कार्यकर्ताओं को मात्र ₹2200 मानदेय मिलता है। कार्यकर्ताओं ने मांग की कि छोटे-छोटे मदों में दिए जाने वाले पैसे को एकत्रित कर मानदेय के रूप में दिया जाए और उन्हें राज्य कर्मचारी का दर्जा दिया जाए।

बीमा और भविष्य निधि: शिव मूरत गुप्ता ने आरोप लगाया कि सरकार उनके श्रम का शोषण कर रही है। आशा कार्यकर्ताओं के पास न तो दुर्घटना बीमा, न जीवन बीमा और न ही भविष्य निधि की सुविधा है। उन्होंने कहा कि यदि उन्हें मजदूर घोषित किया जाए, तो उनका मानदेय ₹18,000 हो जाएगा।

मुआवजा और नौकरी: मुख्य मांगों में मृत आशा कार्यकर्ताओं के परिवारों को मुआवजा देना और उनके परिवार के एक सदस्य को नौकरी देना भी शामिल है, ताकि उनकी आजीविका चल सके। संगठन ने मृत कार्यकर्ताओं की सूची तैयार कर ली है।

मऊ जिले में लगभग 2400 आशा कार्यकर्ता कार्यरत हैं। कार्यकर्ताओं ने पहले भी लखनऊ तक ज्ञापन देकर अपनी बात पहुंचाई थी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।

 

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