पराली जलाने के नुकसान और फसल अवशेष प्रबंधन के फायदे
जैसा कि डीएम पवन अग्रवाल ने बताया, पराली जलाने से न केवल वायु प्रदूषण बढ़ता है, बल्कि यह खेतों की उर्वरक क्षमता को भी नुकसान पहुँचाता है, जिससे फसल की उत्पादकता पर प्रतिकूल असर पड़ता है। इस प्रचार वाहन के माध्यम से किसानों को यह बताया जाएगा कि पराली जलाने के बजाय इसे उचित रूप से प्रबंधित किया जाए, जिससे खेतों की उर्वरक क्षमता बनी रहे और पर्यावरण भी सुरक्षित रहे।
डी कंपोजर कैप्सूल का महत्व
कृषि विभाग द्वारा किसानों को निशुल्क डी कंपोजर कैप्सूल प्रदान किया जा रहा है, जिससे वे पराली को खाद में बदल सकते हैं। यह न केवल प्रदूषण को कम करने में मदद करेगा, बल्कि किसानों को अपने खेतों के लिए अच्छे जैविक उर्वरक भी उपलब्ध कराएगा, जो उनकी फसल की गुणवत्ता और पैदावार को बढ़ाने में मदद करेगा।इस अवसर पर एडीएम वित्त एवं राजस्व प्रदीप कुमार, उपनिदेशक कृषि नरेंद्र कुमार और अन्य संबंधित अधिकारी भी मौजूद रहे।
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— Voice of News 24 (@VOfnews24) November 8, 2024